आजो तहार बाट जोह तानी
नींद में भी सौ बार जागत बानी|
सिसकत सिसकत बीत गईल दिन
पर आस के अबहो हिसाब देत बानी|
औरत भईला के शाप भोग तानी
अंचरा में दूध अछईत भूख से मरत बानी|
छोह जो तहरा धईलस जुआ शराब के
आपन 'द्रौपदी' नाम से डरत बानी|
कैसन ई कुली नशा इतना रमेला
धतुरा नियर सब कुछ भुला देला|
सैकड़ो घर बर्बाद भईल जेसन,
वईसन अपनों घर के दुर्गति सोच तानी|
स्वाति वल्लभा राज