Tuesday 26 November 2013

इंसान बानी




आँख बा पर आन्हर बानी 
कान बा पर बहिर  बानी 
बुझतो बानी 
पर मानत नइखीं । 
गलल जा तानी 
पर मद में बानी,
पिघल तानी 
पर दम्भ में बानी । 
बिसरा देहनी सब सहूर तबो 
जानल मानल इंसान बानी । 

स्वाति वल्लभा  राज